संस्कृत के पेपर के साथ हाईस्कूल परीक्षा शुरू, 7486 परीक्षार्थी शामिल

संस्कृत के पेपर के साथ हाईस्कूल परीक्षा शुरू, 7486 परीक्षार्थी शामिल


भितरवार। 10वीं की परीक्षा का पहला पेपर संस्कृत का हुआ। इस पेपर को हल करने में छात्रों को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। जब छात्र परीक्षा देकर परीक्षा हॉल से बाहर निकले तो उनके चेहरों पर मुस्कान बिखरी थी। लेकिन कुछ चेहरे लटके भी दिखे। परीक्षा के लिए डबरा विकासखंड में 13 सेंटरों पर 5073 छात्र नामांकित थे, जिनमें 4823 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे और 247 अनुपस्थित रहे। उधर भितरवार विकासखंड में विभिन्न शासकीय और अशासकीय विद्यालयों के 9 परीक्षा केंद्र बनाए गए। परीक्षा केन्द्रों पर दर्ज कुल 2818 छात्रों में से 2663 छात्रों ने परीक्षा दी और 155 अनुपस्थित रहे। नगरीय क्षेत्र भितरवार के शासकीय मॉडल स्कूल और शासकीय माध्यमिक विद्यालय परीक्षा केन्द्र अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्र में शामिल हैं, परंतु पुलिस प्रशासन द्वारा इन परीक्षा केन्द्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए, इसके चलते कई अभिभावक शिक्षकों के विरोध करने के बावजूद बच्चों को परीक्षा दिलाने के लिए जबरदस्ती अंदर घुसते हुए देखे गए।


 

मंगलवार को सुबह 9 बजे से शुरू हुई हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा के पहले दिन संस्कृत विषय की परीक्षा में नकल रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर से कई पुख्ता इंतजाम डबरा और भितरवार के सेंटरों पर हुए। नकल रोकने के लिए पैनल भी तैनात किए गए हैं। भितरवार में सहायक संचालक स्कूल शिक्षा पुष्पा ढोडी, बीआरसी अनवार खान ने अलग-अलग पैनल बनाकर नकल रोकने एवं परीक्षाओं में व्याप्त अव्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए 5 परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण किया। परीक्षा के समय कुछ जगह व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं पाई गई। उन्होंने संबंधित परीक्षा केंद्र प्रभारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए उन में शीघ्र सुधार करने की बात कही।


 

बच्चों को छोड़ने पहुंचे अभिभावक


डबरा क्षेत्र में तीन 11 स्कूल संवेदनसील सेंटर बनाए गए हैं। एक सेंटर अतिसंवेदनसील है। जहां कड़ी सुरक्षा नगर आई। भितरवार नगर के दो परीक्षा केंद्र अति संवेदनशील केंद्र के रूप में चयनित हैं। इनमें शासकीय मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल एवं शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय पुराना थाना परिसर इन दोनों परीक्षा केंद्रों पर पुलिस प्रशासन की कमी नजर आई। इसके चलते कई अभिभावक अपने बच्चों को परीक्षा केंद्रों पर छोड़ने गए और शिक्षकों के विरोध के बावजूद परीक्षा कक्ष के अंदर तक पहुंच गए। इस कारण परीक्षा में ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।