रामदास घाटी पर मौत के सपोर्टिंग पोल, हो सकता है गंभीर हादसा
ग्वालियर। नैरोगेज के चार फाटक चौड़े हो चुके हैं। यहां इलेक्ट्रोनिक गेट लगाने का काम भी पूरा हो चुका है। मगर रामदास घाटी पर लगाए सपोर्टिंग पोल घातक बन चुके हैं। रविवार को एक बस जब यहां निकली तो उसकी चादर इससे टकराकर पूरी कटती चली गई। यदि इसे यहां से हटाया नहीं गया तो राहत के इलेक्ट्रोनिक गेट किसी वाहन चालक के लिए मौत का कारण बन सकते हैं।
शहर के बीच से गुजरने वाली नैरोगेज ट्रेन के फाटकों की चौड़ाई कम होने से यहां अक्सर जाम लगता था। इस समस्या के निराकरण के लिए 1.11 करोड़ की लागत से इन फाटकों को चौड़ा करने की योजना बनाई गई थी। इससे वाहनों के निकलने के लिए अधिक जगह तो मिलेगी ही साथ ही इलेक्ट्रोनिक गेट खुलने बंद होने में भी बहुत कम समय लगता है। जिससे यहां से निकलने वाले वाहन चालकों को घंटो जाम में नहीं फंसना होगा। अब तक चार गेट चौड़े हो चुके हैं, यहां पर इलेक्ट्रोनिक गेट भी लगाए जा चुके हैं। मगर रामदास घाटी पर गेट को सपोर्ट देने के लिए लगाए गए सपोर्टिंग पोल आमजन के लिए घातक बन चुके हैं। सपोर्टिंग पोल दोनों तरफ से धारदार है। इससे टकराने से किसी की जान भी जा सकती है। रेलवे के इंजीनियरिंग सेक्शन ने अब तक ना तो इसकी पैनीधार को कम करने का प्रयास किया है और ना ही इसे कवर किया है। जिससे कभी भी कोई गंभीर हादसा हो सकता है।
10 फाटक पुरानी पद्धति के लगे हैं:-शहर में नैरोगेज के 10 रेलवे फाटक पुरानी पद्धति के लगे हुए हैं। ट्रैफिक तो बढ़ा, लेकिन इन गेट को चौड़ा करने पर कभी ध्यान नहीं दिया गया था। लक्ष्मणपुरा, गांधी नगर, मरीमाता चौराहा, रामदास घाटी से जब यह ट्रेन निकलती है तो करीब 5 हजार वाहन चालकों को घंटो जाम झेलना पड़ता है। दिन में 6 बार यह ट्रेन शहर के बीच से गुजरती है। इन गेट को चौड़ा होने से लोगों को जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिली है। इलेक्ट्रोनिक गेट शुरू होने के बाद बाकी समस्या भी हल होने की संभावना है। यह काम युवराज कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा किया गया है।
कब-कब गुजरती है ट्रेनः-
ग्वालियर से श्योपुर सबलगढ़ जाने वाली ट्रेनः-
ट्रेन नंबर 52171 सुबह 6.20 बजे
ट्रेन नंबर 52175 सुबह 9.20 बजे
ट्रेन नंबर 52173 दोपहर 3.20 बजे
श्योपुर सबलगढ़ से ग्वालियर आने वाली ट्रेनः-
ट्रेन नंबर 52174 सुबह 11.25 बजे
ट्रेन नंबर 52172 शाम 5 बजे
ट्रेन नंबर 52176 रात 8 बजे
ऐसे समझे फायदाः-
गेट नंबर 1-लक्ष्मणपुरा रेलवे फाटक
ट्रैफिक का लोडः-1200-1300 वाहन प्रतिघंटा
क्यों है दबावः-यह मार्ग सिटी सेन्टर, लश्कर के एरिया को उपनगर ग्वालियर से जोड़ता है।
पहले की स्थितिः-करीब 10 मीटर गेट की चौड़ाई
अब क्या होगाः-गेट एवं सड़क की चौड़ाई करीब 14 मीटर हो गई है। गेट भी अत्याधुनिक लगाए जा चुके हैं। जिससे अब यहां जाम नहीं लगेगा।
गेट नंबर 2ः-गांधी नगर रेलवे फाटक
ट्रैफिक का लोडः-700-800 वाहन प्रतिघंटा
क्यों है दबावः-गांधी नगर, कांति नगर आदि क्षेत्र लश्कर से जुड़ता है।
पहले की स्थितिः-करीब 8 मीटर गेट की चौड़ाई
अब क्या होगाः-सड़क के हिसाब से करीब 13 मीटर तक चौड़ाई हो चुकी है। अभी इलेक्ट्रोनिक गेट शुरू नहीं किए गए हैं।
गेट नंबर 3ः-मरीमाता चौराहा फूलबाग रेलवे फाटक
ट्रैफिक का लोडः-करीब 1000-1100 वाहन प्रतिघंटा
क्यों है दबावः-सेवा नगर, किलागेट, विकास नगर सहित कई कॉलोनियां लश्कर से जुड़ती हैं।
पहले की स्थितिः-करीब 10 मीटर फाटक की चौड़ाई
अब क्या होगाः-सड़क के मुताबिक यहां गेट की चौड़ाई करीब 14 मीटर हो गई है। इससे अब वाहन निकलने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है।
गेट नंबर 4 एवं 5ः- रामदास घाटी रेलवे फाटक
ट्रैफिक का लोडः-1200-1300 वाहन प्रतिघंटा
क्यों है दबावः-आनंद नगर, विनय नगर सहित बहोडापुर क्षेत्र को लश्कर से जोड़ता है।
पहले की स्थितिः-एक गेट करीब 7-8 मीटर, दूसरा 8-10 मीटर
अब क्या होगाः-दोनों गेट की चौड़ाई करीब 14 मीटर हो चुकी है। यहां पर सपोर्टिंग पोल आमजन के लिए घातक बन गए हैं। रविवार को एक बस जब इसके नजदीक से गुजरी तो उसकी साइड की पूरी चादर इस धारदार पोल से टकराकर कट गई। ऐसे में यदि कोई वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हुआ तो गंभीर हादसा हो सकता है।
नैरोगेज ट्रेन के अधिकांश गेट चौड़े हो चुके हैं, यहां पर इलेक्ट्रोनिक गेट भी लगाए जा चुके हैं। आपने सपोर्टिंग पोल की जो दिक्कत बताई है, उसके बारे में कल जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता सकता हूं।