मंडी में खरीदी को लेकर हंगामा
शिवपुरी। क्रषि उपज मंडी शिवपुरी में मंगलवार को उस समय खासा हंगामा हो गया, जब व्यापारियों ने सरसों लेकर मंडी आए किसानों की सरसों का भाव 3 हजार रुपये क्विंटल लगाया। किसानों का कहना था कि अन्य जगहों पर सरसों का भाव 3500 से 3600 रुपये है, जबकि शिवपुरी मंडी में व्यापारी अपनी मनमर्जी से किसानों की उपज का भाव लगा रहे हैं जिसे लेकर किसान आक्रोशित हो गए और व्यापारियों पर मनमानी का आरोप लगाने लगे। इधर किसानों का हंगामा देख व्यापारियों ने मंडी में खरीद बंद कर दी। व्यापारियों का कहना था कि सरसों गीली है, इसलिए इसका भाव वे 3 हजार रुपये लगा रहे हैं।
मंडी में उपज बेचने आए किसानों का कहना था कि शिवपुरी के आसपास की मंडियों में व्यापारी सरसों का भाव 3500 से 3600 रुपये लगा रहे हैं, जबकि शिवपुरी मंडी में भाव 3 हजार रुपये लगाया जा रहा है और कहा जा रहा है कि सरसों गीली है, इसलिए 3 हजार रुपये ही भाव लगा रहे हैं। यदि बेचना है तो बेचे नहीं तो इससे अधिक दाम वह नहीं देंगे, जबकि अन्य मंडियों में व्यापारी कैसे दाम दे रहे हैं, यह समझ से परे है।
किसान बोले-3 हजार में खरीदेंगे और बाहर 4 हजार में बेचेंगे
किसान अमजद खान, बारेलाल, होतम का कहना है कि शिवपुरी मंडी में व्यापारी अपनी मनमर्जी का भाव लगाते हैं। हमसे सरसों 3 हजार रुपये क्विंटल खरीदेंगे जबकि खुद यह सरसों 4 हजार के भाव से बाहर के व्यापारियों को बेच देंगे। किसानों का कहना है कि 3 हजार रुपये में उनकी लागत ही नहीं निकल रही है ऐसे में वह इतने कम दाम पर सरसों नहीं बेचेंगे।
किसानों ने किया हंगामा तो बंद की खरीद
कम दाम को लेकर जब किसानों ने हंगामा किया तो व्यापारियों ने खरीद बंद कर दी। दोपहर 2 बजे के बाद खरीद की बात कही, लेकिन किसान कम दाम पर उपज बेचने को तैयार नहीं थे। इसके बाद व्यापारियों ने खरीद नहीं की। किसानों का कहना था कि व्यापारी अपनी मनमर्जी से दाम तय करते हैं, जबकि इसके लिए नियम तय होने चाहिए।
कई किसानों ने नहीं बेची उपज
जब किसानों को उनकी उपज का दाम कम मिला तो कई किसानों ने कम दाम पर अपनी उपज नहीं बेची और वह अपनी उपज लेकर ट्रैक्टर ट्रॉली से वापस अपने गांव चले गए। किसान हल्के, देवीलाल ने बताया कि किराए पर ट्रैक्टर और ट्रॉली लेकर आए हैं। इतने कम दाम में वह अपनी उपज नहीं बेचेंगे वह तो अब जब दाम बढ़ जाएंगे तभी अपनी उपज बेचेंगे।
दामों को लेकर कई बार हो चुका हंगामा
किसानों का कहना है कि शिवपुरी मंडी में दामों को लेकर मंडी प्रबंधन का कोई नियंत्रण व्यापारियों पर नहीं हैं। व्यापारी अपनी मनमर्जी से दाम तय करते हैं, जबकि दाम तय करने के लिए एक कमेटी बनना चाहिए जो दाम तय करे। ऐसे में यहां किसानों का शोषण होता है। किसानों का कहना था कि दामों को लेकर कई बार मंडी में हंगामा हो चुका है।
यह बोले मंडी सचिव
मंडी में व्यापारियों ने सरसों के जो दाम लगाए थे, उस पर किसान उपज बेचने को तैयार नहीं थे। किसान उपज के 3500 से 3600 रुपये के दाम लगाने की बात कह रहे थे, लेकिन व्यापारियों का कहना था कि सरसों गीली है, इसलिए वह 3 हजार से अधिक दाम नहीं दे पाएंगे। इस बात को लेकर हंगाम हुआ था। कुछ किसानों ने उपज बेची, जबकि कुछ ने उपज नहीं बेची।
एएस तोमर, मंडी सचिव शिवपुरी।