केरुआ गांव के खेतों में आधा दर्जन मोरों की मौत, दो मिले बीमार

केरुआ गांव के खेतों में आधा दर्जन मोरों की मौत, दो मिले बीमार


भितरवार। भितरवार विकासखंड के केरुआ गांव के खेतों में करीब आधा दर्जन मोरों की मौत हो गई है। इनमें कई बीमार भी है। एक साथ खेतों में मरे पड़े मोरों को देखने के बाद ग्रामीणों ने वनविभाग को सूचना दी। तब वनविभाग की टीम खेतों पर पहुंची और जांच पड़ताल की। मोरों की हालत देखकर ऐसा लगता है कि उनकी मौत कीटनाशक खाने से हुई है। असल स्थिति मोरों के पीएम के बाद ही सामने आ सकेगी। वन विभाग की टीम को दो मोर बीमार भी मिले हैं जिनको उड़ने और चलने में परेशानी आ रही थी। इन दो मोरों को वनविभाग की टीम साथ ले गई है।


गौरतलब है कि विकासखंड के ग्राम केरुआ में बहुतायत संख्या में मोर पाए जाते हैं और आसपास प्राकृतिक वातावरण होने के कारण प्रवासी पक्षी भी डेरा जमाते हैं। गांव में पाए जाने वाले मोरों की सुरक्षा के लिए गांव के लिए लोग हमेशा तत्पर रहते हैं। मंगलवार को सुबह खेत में छिड़के गए कीटनाशक को खाने से आधा दर्जन मोरों की मौत हो गई और कुछ मोर चलने और उड़ने में भी असमर्थ थे। मोरों की मरने की खबर जब ग्रामीणों को लगी तो वह मौके पर पहुंचे और जमीन पर घिसट रहे मोरों को उठाकर घर ले गए। उनकी देखभाल की और वन विभाग को घटना की जानकारी दी। घटना की जानकारी लगते ही वन विभाग की टीम गांव में पहुंची और घटना स्थल जायजा लिया। वन विभाग की टीम चलने फिरने में असमर्थ दो मोरों को साथ ले गई, ताकि उनका इलाज कराकर मौत के कारण का पता लगाया जा सके हैं।


 

इलाज के बाद ठीक हो गए मोर


जिन बीमार मोरों को लेकर वनविभाग की टीम आई थी, उनका इलाज किया गया। डॉक्टरों ने मोरों को बीमार होना बताया गया। बीमारी का कारण मौसम में बदलाव भी माना जा सकता है। इधर ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा लगता है कि खेतों में एक साथ मोरों की मौत हुई है जिसका कारण कीटनाशक खाना हो सकता है। इसके अलावा मोरों के बीमार होने के कारणों का पता लगाने के लिए विभागीय टीम जांच में जुटी हुई है।


 

मोर बीमार हो गए थे। जिन दो मोरों को लेकर विभागीय टीम आई थी उनका इलाज कर दिया गया है। अब वह बेहतर हैं। मोर कैसे बीमार हुए इसकी पड़ताल कराई जा रही है।


प्रेरणा दुबे, रेंजर, मोहना वनक्षेत्र।