डबरा। कोरोना वायरस संक्रमण से छात्रों के बचाव के लिए शासन द्वारा स्कूलों, कॉलेजों में 31 मार्च तक छुट्टियां कर दी गई और बोर्ड परीक्षाएं भी निरस्त कर दी गई हैं। वहीं रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर डॉक्टर तैनात कर दिए हैं। इसी क्रम में शासन द्वारा विभिन्न छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को उनके घर जाने के लिए निर्देश जारी किए हैं, ताकि वह कोरोना वायरस के खतरे से छात्रों को बचाया जा सके। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में अलर्ट जारी किया गया है और लोगों को अधिक संख्या में एक जगह पर एकत्रित नहीं होने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि इस खतरनाक संक्रमण की रोकथाम हो सके। इसी उद्देश्य को लेकर राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल की संचालक आइरिस सिंथिया जेपी द्वारा जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र को निर्देशित किया गया है। आवासीय छात्रावास, आवासीय विशेष प्रशिक्षण केन्द्र (आरएसटी), कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बालिका छात्रावास, पलायन छात्रावास तथा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का छात्रावास (सीडब्ल्यूएसएन) में रहने वाले छात्रों के पालक अगर बच्चों को घर ले जाना चाहते है तो उन्हें स्वीकृति प्रदान की जाए। साथ ही निर्देशित किया गया है कि कक्षा 5वीं तथा कक्षा 8वीं के छात्र-छात्राओं की परीक्षा की तैयारी छात्रावास में ही कराई जाए।
बच्चों की सुरक्षा के लिए जारी किए निर्देश
बताया गया है कि विभिन्न छात्रावासों में रह रहे छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए शासन द्वारा उन्हें पालकों की रजामंदी से घर भेजने के लिए निर्देश जारी किए हैं। इससे छात्र-छात्राओं का कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव किया जा सके। बताया गया है कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए जहां शासन द्वारा स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटरों को बंद करा दिया गया है। उसी क्रम में अब छात्रावासों में एहतियात के तौर पर बच्चों को घर भेजने के आदेश दिए गए हैं।
सिविल अस्पताल में नहीं दिया जा रहा ध्यान
कही भी भीड़भाड़ नहीं हो, इसे लेकर गंभीरता बरती जा रही है इसके बाद भी सिविल अस्पताल प्रबंधन रोजाना जुटने वाली मरीजों की भीड़ को लेकर गंभीर नहीं है। जहां सुबह 9 से दोपहर तक बड़ी संख्या में लोग एक जगह इकट्ठे होते रहते हैं। शुक्रवार को भी यही देखने को मिला। जहां मरीजों की भीड़ बड़ी संख्या में मौजूद रही। यहां अभी तक न तो मास्क बांटे जा सके हैं और न ही लोगों को भीड़ के रूप में जमा नहीं होने के प्रति चेताया जा रहा है। जहां सर्दी खांसी जुकाम और बुखार के मरीज एक दूसरे के नजदीक ही बैठे रहते हैं।
विभागीय स्तर पर आदेश आया है। अगर कोई भी अभिभावक चाहे तो वह अपने बच्चों को कुछ समय छात्रावासों से घर ले जा सकते हैं। हमने विभागीय स्तर पर इस संबंध में जानकारी दे दी है।
धर्मेद्र पाठक, बीआरसी, डबरा।