भोपाल / मप्र में सरकार बदलने का असर हाल ही में नियुक्त जिन अफसराें पर नहीं पड़ेगा उनमें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विवेक जौहरी का नाम प्रमुख हैं। वे मार्च 2022 तक इस पद पर बने रहेंगे। चूंकि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत संघ लोक सेवा आयोग के पैनल के बाद ही 15 मार्च को उन्हें स्थाई तौर पर मप्र का डीजीपी नियुक्त किया है, लिहाजा जौहरी के बदलने की संभावना काफी कम है। जौहरी सितंबर 2020 में रिटायर होने वाले थे, लेकिन डीजीपी के स्थाई आदेश के बाद मार्च 2022 तक डीजीपी रहेंगे। हालांकि यह जरूर है कि राज्य सरकार अगर उन्हें किसी कारणवश हटाना चाहे तो यह दलील दे सकती है कि जिस दिन जौहरी का स्थाई आदेश निकाला गया, उसी दिन राज्यपाल ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार को अल्पमत करार देकर फ्लोर टेस्ट के लिए कह दिया था। इसमें यह संभावना भी बन सकती है कि जौहरी कोर्ट चले जाएं।
स्थाई डीजीपी बनाने के जारी हो गए थे आदेश
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने एडीजी स्तर तक के 30 से अधिक अधिकारियों के नाम केंद्र सरकार को भेजे थे। इसके बाद कमेटी ने तीन नाम का पैनल तैयार किया था, इसमें 1984 बैच के वीके सिंह, विवेक जौहरी और एमएस गुप्ता शामिल रहे। यूपीएससी ने यह पैनल मप्र को भेजा। चार महीने तक पैनल मुख्यमंत्री की टेबल पर पड़ा था। सत्ता की उठापटक अंतिम चरणों में पहुंची, उसी दौरान जौहरी को स्थाई डीजीपी बनाने के आदेश जारी हो गए।
अब सरकार बदलने का नहीं पड़ेगा असर, मार्च 2022 तक रहेंगे प्रदेश के डीजीपी